तुलसी के फायदे और नुकसान | Benefits and Side effects of Tulsi in Hindi

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भारत में तुलसी का पौधा लगभग हर घर में पाया जाता है। दरअसल हिंदू धर्म से तुलसी के पौधे का बेहद गहरा नाता है। यही कारण है कि यह भारत के अधिकांश घरों में मिल जाता है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि तुलसी का पौधा भारत देश में पूज्‍य होने के साथ ही कई औषधीय गुणों का भंडार भी माना जाता है? आज हम आपको तुलसी के फायदे और नुकसान (Tulsi ke Fayde aur Nuksan in Hindi) के साथ ही इसके औषधीय गुणों और उपयोग के बारे में विस्‍तार से बता रहे हैं।

तुलसी के फायदे

क्‍या होती है तुलसी? (What Is Tulsi?)

तुलसी एक प्रकार का पौधा है, जिसका हिंदू धर्म में बेहद खास महत्‍व है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को देवी का रूप माना जाता है। यह भारत के अधिकांश घरों में आपको मिल जाएगा। हिंदू धर्म में पूजनीय होने के साथ-साथ तुलसी के पौधे में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसका प्रयोग एलोपैथी से लेकर आयुर्वेद और होम्‍योपैथी तक में किया जाता है। वहीं कोरोना के समय में तुलसी के पौधे का महत्‍व सबसे ज्‍यादा बढ़ जाता है। दरअसल इसे इम्‍यूनिटी बूस्‍टर के तौर पर भी जाना जाता है।

कितने प्रकार का होता है तुलसी का पौधा (Types of Tulsi)

वैसे तो तुलसी की कई प्रजातियां आपको देखने को मिल जाएंगी। लेकिन इसमें दो प्रकार के पौधों का बेहद खास महत्‍व होता है। इनमें एक श्‍वेत और दूसरी श्‍याम वर्ण की तुलसी शामिल हैं। इन्‍हें रामा तुलसी (Rama Tulsi) और श्‍यामा तुलसी (Shyama Tulsi) के नाम से भी जाना जाता है। वहीं कई लोग इन्‍हें राम तुलसी (Ram Tulsi) और कृष्‍ण तुलसी (Krishna Tulsi) भी कहते हैं।

तुलसी का वैज्ञानिक नाम (Scientific name of Tulsi)

तुलसी के पौधे का वैज्ञानिक नाम ओसीमम् सेंक्टम् (Ocimum sanctum) होता है। वहीं इसके कुल का नाम लैमिएसी (Lamiaceae) है।

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तुलसी के अन्‍य भाषाओं में नाम (Other Names of Tulsi)

  • संस्‍कृत : तुलसी, देवदुन्‍दुभि, सुलभा, बहुमञ्जरी, सुरसा, भूतघ्‍नी, गौरी
  • तमिल : तुलशी
  • तेलुगू : गग्‍गेर चेट्टू
  • हिन्‍दी : तुलसी और वृन्‍दा
  • कन्‍नड : एरेड तुलसी
  • मलयालम : कृष्‍णतुलसी
  • मराठी : तुलस
  • अरबी : दोहश

तुलसी के फायदे (Benefits of Tulsi or Holy Basil)

तुलसी का पौधा, तुलसी की पत्तियां (Tulsi Ki Pattiyan) और तुलसी की मंजरी (Tulsi Ki Manjari) या तुलसी के बीज (Tulsi Ke Beej), ये सभी औषधीय गुणों का खजाना माने जाते हैं। आपने भी अक्‍सर देखा या सुना होगा कि लोग सुबह उठकर खाली पेट तुलसी के पत्‍तों का सेवन करते हैं। दरअसल ऐसा करने से पेट से संबंधित समस्‍याओं से छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं क्‍या-क्‍या हैं तुलसी के फायदे…

दिमाग के लिए तुलसी के फायदे (Tulsi for Brain)

दरअसल अगर कोई व्‍यक्ति रोजाना तुलसी के 4 से 5 पत्‍तों का सेवन करता है तो उसके मस्तिष्‍क की कार्यक्षमता तेज होती है और व्‍यक्ति की याद्दाश्‍त भी तीव्र होती है। इसके लिए तुलसी के 4 से 5 पत्‍ते (Benefits of Tulsi leaves) पानी के साथ निगलकर खाने चाहिए।

गले के लिए बेहद फायदेमंद है तुलसी की पत्तियां (Tulsi for throat)

अगर किसी को सर्दी जुकाम की शिकायत है और गले की समस्‍या जैसे गले में खराश है तो उसके लिए भी तुलसी की पत्तियां बेहद फायदेमंद मानी जाती हैं। तुलसी के पत्‍तों का रस (Benefit of Tulsi Juice) गरम पानी में मिलाकर कुल्‍ला करने से गले की खराश में राहत मिलती है।

इम्‍यूनिटी बूस्‍टर है तुलसी का पौधा (Immunity buster Tulsi)

तुलसी के पौधे को इम्‍यूनिटी बूस्‍टर माना जाता है। इसका नियमित रूप से सेवन करने पर आपके शरीर की रोग प्रतिरोधकर क्षमता बढ़ती है। आयुर्वेद में भी इसके कई तरीके बताए गए हैं। 40 ग्राम पि‍सी हुई मिश्री में 20 ग्राम तुलसी के बीज का मिश्रण मिलाकर रख लें। ठंड के मौसम में 1 ग्राम रोजाना इसका सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

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डायबिटीज में तुलसी के फायदे (Tulsi for Diabetes)

अक्‍सर डायबिटीज के मरीजों को तुलसी के उपयोग की सलाह दी जाती है। दरअसल अगर तुलसी की 8 से 10 पत्तियों को रात में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उठकर उसका सेवन करें तो काफी हद तक डायबिटीज कंट्रोल में रहती है। यह आपके ब्‍लड सुगर को भी कंट्रोल करने में सहायक है।

कब्‍ज की समस्‍या में तुलसी के फायदे (Tulsi for problem of constipation)

तुलसी के बीज की सहायता से कब्‍ज से छुटकारा पाया जा सकता है। कब्‍ज की समस्‍या होने पर एक गिलास गर्म पानी में दो ग्राम तुलसी के बीजों को मिलाकर पीने से राहत मिलती है। वहीं इसके साथ ही पेट की अन्‍य समस्‍याओं में तुलसी के पत्‍ते भी बेहद फायदेमंद होते हैं।

सूजन की समस्‍या में तुलसी के फायदे (Tulsi for Swelling)

तुलसी में अर्सोलिक एसिड पाया जाता है। अर्सोलिक एसिड में एंट्रीइंफ्लामेंट्री गुण पाए जाते हैं, जो सूजन की समस्‍या से छुटकारा दिलाने में मददगार होते हैं। जानकारों की मानें तो तुलसी के उपयोग से कई तरह की सूजन को कम किया जा सकता है।

मलेरिया में तुलसी के फायदे (Beneficial in Malaria)

मलेरिया की समस्‍या होने पर तुलसी के पत्‍तों का काढ़ा जरूर पीना चाहिए। इसका दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को सेवन करना चाहिए। आपने अक्‍सर देखा होगा कि तुलसी के पौधे के आसपास मच्‍छर कम ही भटकते हैं। दरअसल तुलसी में मौजूद कुछ गुण इस बीमारी से छुटकारा दिला सकते हैं।

बुखार में तुलसी के फायदे (Tulsi Benefits in Fever)

तुलसी का पौधा बुखार की समस्‍या में भी फायदेमंद साबित होता है। 7 से 8 तुलसी की पत्तियों को लौंग के छोटे-छोटे टुकड़ों के साथ एक गिलास पानी में मिलाकर पकाएं, जब यह पानी आधा बचे तो उसमें सेंधा नमक मिलाकर गरम-गरम सेवान करने से बुखार से छुटकारा मिलता है।

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तुलसी के नुकसान (Side Effects of Tulsi or Holy Basil)

अगर किसी चीज से कुछ फायदे होते हैं तो उससे कई नुकसान होने की भी आशंका बनी रहती है। आइए जानते हैं तुलसी के नुकसान क्‍या-क्‍या हैं

  1. यदि कोई डायबिटीज का व्‍यक्ति दवाईयों भी खाता है और तुलसी का भी सेवन करता है तो उसे इससे नुकसान हो सकते हैं। दरअसल ऐसा करना ब्‍लड शुगर के स्‍तर को ज्‍यादा नीचे गिरा सकता है।
  2. तुलसी के अधिक सेवन से चोट लगने पर रक्‍तस्‍त्राव की समस्‍या हो सकती है। दरअसल तुलसी का अधिक सेवन रक्‍त के थक्‍के बनने से रोक सकता है, जिससे खून ज्‍यादा पतला हो सकता है।
  3. तुलसी में एंटीफर्टिलिटी प्रभाव रहता है, जिससे इसका अधिक सेवन पुरुषों के स्‍पर्म काउंट को कम कर सकता है।

FAQ’s

Q. : क्‍या तुलसी का सेवन इम्‍यूनिटी बढ़ाता है?

Ans. : हां, तुलसी के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। तुलसी के रोजाना सेवन से आपके शरीर में जल्‍दी बीमारी नहीं आती।

Q. : क्‍या तुलसी का सेवन कोरोना में भी फायदेमंद है?

Ans. : तुलसी का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसलिए कोरोना महामारी के दौरान तुलसी को सेवन करना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।

Q. : क्‍या तुलसी के उपयोग से त्‍वचा में निखार आता है?

Ans. : त्‍वचा में निखार के लिए आपको तुलसी के फेसपैक का उपयोग जरूर करना चाहिए। तुलसी की पत्तियों को पीसकर उसका पेस्‍ट लगाने से त्‍वचा में निखार आता है।

Q. : क्‍या तुलसी के सेवन से बढ़ती उम्र पर असर पड़ता है?

Ans : तुलसी का सेवन बढ़ती उम्र के असर को कम करने में सहायक है। इसके लिए तुलसी के पत्‍तों को पानी में उबालकर सुबह-सुबह सेवन करना चाहिए।

Q. : तुलसी की पत्तियों को कब तोड़ना चाहिए?

Ans. : हिंदू धर्म के अनुसार, तुलसी की पत्तियों को शाम होने के बाद नहीं तोड़ना चाहिए। इसके साथ ही यदि घर में किसी की मृत्‍यु हो जाती है तो उसकी तेरहवीं के दिन तक तुलसी का तोड़ना वर्जित माना गया है।

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