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उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का राजनीति से पुराना नाता है। वे हमेशा से ही एक संघर्षवान व्यक्ति रहे हैं। उनका व्यक्तित्व हमेशा कर्तव्यपूर्ण रहा है। वह एक गरीब परिवार से थे, लेकिन अपने साहस और मेहनत से आज वो इस मुकाम तक पहुचें। केशव प्रसाद मौर्य को साल 2002, 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों में सफलता नहीं मिल पाई, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हौसला नहीं खोया।
इसके बाद वह भाजपा के लिए मेहनत करते रहे और इसका नतीजा यह रहा कि साल 2016 में वे इलाहाबाद जिले के फूलपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। उनके ही नेतृत्व में भाजपा ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। आइए आज जानते हैं केशव प्रसाद मौर्य का जीवन परिचय (Keshav Prasad Maurya Biography in Hindi)

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Keshav Prasad Maurya Biography in Hindi – केशव प्रसाद मौर्य की जीवनी
पूरा नाम | केशव प्रसाद मौर्य |
जन्म | 7 मई 1969 |
आयु | 52 वर्ष |
निवास | उत्तर प्रदेश |
पिता का नाम | श्याम लाल मौर्य |
माता का नाम | धनपति देवी मौर्य |
पत्नी का नाम | राजकुमारी देवी मौर्य |
संतान | तीन |
धर्म | हिन्दू |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
वर्तमान में पद | उप मुख्यमंत्री (उत्तर प्रदेश), ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास मंत्रालय, ग्रामीण अभियंत्रण मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, मनोरंजन कर मंत्रालय, सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय, राष्ट्रीय एकीकरण मंत्रालय |
नेटवर्थ | करीब 9 करोड रुपए |
केशव प्रसाद मौर्य का जन्म और माता-पिता – Keshav Prasad Maurya Birthdate And Mother-Father
7 मई 1969 के दिन (Keshav Prasad Maurya Date Of Birth) केशव प्रसाद मौर्य का जन्म कौशाम्बी जनपद के सिराथू में एक मौर्य परिवार में हुआ था। केशव प्रसाद मौर्य के पिता (Keshav Prasad Maurya Father Name) श्याम लाल मौर्य एक किसान थे और इनकी माता (Keshav Prasad Maurya Mother Name) धनपति देवी गृहणी थीं। इनका बचपन बहुत ही कठिनाइयों में बीता। घर चलाने के लिए केशव प्रसाद मौर्य ने चाय की दूकान भी चलाई और साईकिल से अखबार तक बेचा।
केशव प्रसाद मौर्य का वैवाहिक जीवन – Keshav Prasad Maurya Married Life
इनका विवाह में राजकुमारी देवी मौर्य (Keshav Prasad Maurya Wife Name) से हुआ, जिनसे इनको तीन संताने हैं।
शिक्षा – Keshav Prasad Maurya Educational Qualification
केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी शुरूआती शिक्षा इलाहाबाद से पूरी की। इसके बाद केशव प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद के हिन्दू साहित्य सम्मेलन से हिंदी साहित्य में स्नातक की डिग्री (Keshav Prasad Maurya Educational Qualification) हासिल की है।
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केशव प्रसाद मौर्य का राजनीतिक करियर – Keshav Prasad Maurya Political Career
केशव प्रसाद मौर्य का जीवन परिचय (Keshav Prasad Maurya Wikipedia in Hindi) उनके राजनीतिक करियर के बिना अधूरा माना जाएगा। दरअसल केशव प्रसाद मौर्य ने अपने बचपन से ही संघर्षों का सामना बखूबी किया। वहीं इसके बाद राजनीतिक जीवन में भी उन्हें खूब संघर्षों का सामना करना पड़ा। दरअसल केशव प्रसाद मौर्य ने 2000 के दशक में सक्रिय राजनीति में कदम रखा।
गुरू के आदेश पर राजनीति में रखा कदम
हिंदू हृदय सम्राट अशोक सिंघल को केशव प्रसाद मौर्य अपना गुरू मानते थे। केशव प्रसाद मौर्य को सक्रिय राजनीति में लाने वाले अशोक सिंघल ही थे। साल 2000 में जब उत्तर प्रदेश में राजनाथ सिंह की सरकार आई और केंद्र में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार थी, उसी दौर में केशव प्रसाद मौर्य ने बीजेपी के एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की।
विधानसभा चुनाव में दो बार मिली हार
भारतीय जनता पार्टी ने केशव प्रसाद मौर्य की मेहनत और राजनीति में लगन देखकर उन्हें साल 2002 में इलाहाबाद की पश्चिमी विधानसभा सीट से टिकट दिया। लेकिन यहां उनका मुकाबला माफिया अतीक अहमद से हुआ। केशव प्रसाद मौर्य इस चुनाव में चौथे स्थान पर रहे, वहीं अतीक अहमद इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहा। इसके बाद साल 2007 में उन्होंने फिर इसी सीट से उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन एक बार फिर उन्हें असफलता ही हाथ लगी।
पहली बार बने विधायक
साल 2012 में भाजपा ने केशव प्रसाद मौर्य की सीट बदली, इसी के साथ ही केशव प्रसाद मौर्य की किस्मत भी बदल गई। केशव प्रसाद मौर्य साल 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने गृहक्षेत्र सिराथू से पहली बार विधायक चुने गए। यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि ऐसा पहली बार हुआ था जब सिराथू तहसील से बीजेपी का कोई नेता विधायक चुना गया था।
साल 2014 में पहुंचे संसद
2012 के बाद केशव प्रसाद मौर्य की किस्मत के दरवाजे खुल चुके थे। वह जहां जाते थे छा जाते थे, फिर चाहे वह सिराथू से बीजेपी के लिए पहली बार विधानसभा सीट जीतना हो या फिर साल 2014 में फूलपुर से बीजेपी के लिए पहली बार लोकसभा सीट जीतना रहा हो। दरअसल केशव प्रसाद मौर्य के आने से पहले फूलपुर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को कभी भी जीत हासिल नहीं हुई थी।
बता दें कि यह वही सीट है जिसपर चुनाव जीतकर जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री चुने गए थे। साल 1964 तक जवाहर लाल नेहरू इसी सीट से सांसद रहे। ऐसे में यह सीट बीजेपी की झोली में डालना केशव प्रसाद मौर्य के कद को और ऊंचाई पर ले गया।
बने उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष
केशव प्रसाद मौर्य के सितारे हर दिन एक नई ऊंचाई छू रहे थे। साल 2017 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी केशव प्रसाद मौर्य को सौंपी गई। इसी वजह से बीजेपी आलाकमान ने साल 2016 में केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।
यूपी में केशव के नेतृत्व में बंपर जीत
केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में बीजेपी ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में अपना सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, और 312 सीटों पर जीत हासिल कर रिकॉर्ड बना दिया। साल 1991 के बाद यह पहली बार था जब उत्तर प्रदेश में बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ हो। 1991 में बीजेपी ने 221 सीटों पर जीत हासिल की थी। ऐसे में बीजेपी के लिए साल 2017 में केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में मिली जीत को बंपर जीत कहना गलत नहीं होगा।
फिर मिला उप मुख्यमंत्री का पद
साल 2017 में बीजेपी की बंपर जीत के बाद उत्तर प्रदेश के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद की जिम्मदारी दी गई। वहीं इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में दो उप मुख्यमंत्री भी नियुक्त किए गए। इनमें एक केशव प्रसाद मौर्य हैं वहीं दूसरे डॉ दिनेश शर्मा।
2022 विधानसभा चुनाव हारे केशव
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सिराथू विधानसभा क्षेत्र से अपनी सीट नहीं बचा पाए। इस सीट पर समाजवादी पार्टी की पल्लवी पटेल ने जीत हासिल की है। केशव प्रसाद मौर्य को यहां 7337 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
2022 में भी बने उप मुख्यमंत्री
केशव प्रसाद मौर्य को एक बार फिर योगी आदित्यनाथ सरकार में उप मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। ऐसे में अब यह तय है कि उन्हें आगे चलकर उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य नियुक्त किया जाएगा।
केशव प्रसाद मौर्य को मिले मंत्रालय
उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को 6 अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। केशव प्रसाद मौर्य के पास ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास मंत्रालय, ग्रामीण अभियंत्रण मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, मनोरंजन कर मंत्रालय, सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय, राष्ट्रीय एकीकरण मंत्रालय रहेंगे।
केशव प्रसाद मौर्य से जुड़े विवाद
लोकसभा चुनाव के वक़्त चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार केशव प्रसाद मौर्य पर दस गंभीर आरोपों में मामले दर्ज हैं। इन मामलों में उनपर दंगे भड़काने, अपराध सम्बन्धी साजिश रचने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के मामले दर्ज हैं।
केशव प्रसाद मौर्य पर साल 2011 में उनके तीन साथियों के साथ एक गरीब किसान गुलाम गौस ऊर्फ चांद खान की हत्या का आरोप भी लगा।
केशव प्रसाद मौर्य पर एक आरोप यह भी है कि उन्होंने फर्जी डिग्री लगाकर पांच अलग-अलग चुनाव लड़े। इसके साथ ही उनपर आरोप है कि फर्जी डिग्री के सहारे उन्होंने पेट्रोल पंप भी हासिल किया।
FAQ’s
Q : केशव प्रसाद मौर्य का जन्म कब हुआ?
Ans : 7 मई 1969
Q : केशव प्रसाद मौर्य की पत्नी कौन हैं?
Ans : राजकुमारी देवी मौर्य
Q : केशव प्रसाद मौर्य उप मुख्यमंत्री कब नियुक्त किये गए?
Ans : 2017 में
Q : केशव प्रसाद मौर्य किस पार्टी से हैं?
Ans : भारतीय जनता पार्टी