अगर आपकी कुंडली में एक योग बनता है तो जीवनभर आपकों पैसों की कमी रहेगी।
कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी ग्रह धनस्थान का स्वामी माना जाता है। वहीं कुंडली में एकादश भाव लाभ का माना जाता है।
अगर किसी की कुंडली में द्वितीय व एकादश भाव के स्वामी, छह या आठ वाले भाव में बैठे हों तो उस व्यक्ति को जीवनभर पैसों की कमी रहती है।
कुंडली में ऐसी स्थिति होने पर व्यक्ति को एकादशेष व द्वितीयेष का दान अवश्य करना चाहिए।
दरअसल शुक्र व शनि ही कालपुरूष की कुंडली में द्वितीयेष और एकादशेष भाव के स्वामी होते हैं।
सामान्य भाव से देखें तो शुक्र व शनि को बलवान कर लिया तो पैसों की कमी कुछ हद तक दूर की जा सकती है।
शुक्र व शनि को बलवान करने के लिए व्यक्ति को शुक्र व शनि के व्रत और मंत्रजाप जरूर करना चाहिए।
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