कलौंजी हम सभी के घर में बेहद आसानी से उपलब्‍ध रहती है। इसका प्रयोग घर में बनने वाले खाने में मसाले के रूप में किया जाता है। 

कलौंजी स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद लाभदायक मानी जाती है। इसका प्रयोग सिर्फ मसाले के रूप में ही नहीं, बल्कि एक प्रकार की औषधि के तौर पर भी होता है। 

बता दें कि कलौंजी को आशीष के बीज के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इसे काला बीच या काला जीरा का नाम भी मिला हुआ है। 

कलौंजी कई तरह से हमारे स्‍वास्‍थ्‍य को लाभ पहुंचाती है, लेकिन कई बार कलौंजी के सेवन से नुकसान होने की आशंका भी बनी रहती है। 

आइए आज जानते हैं कलौंजी के सेवन से कब और किस तरह से नुकसान होने की आशंका होती है और इसका प्रयोग कैसे करना चाहिए। 

गर्भवती महिलाओं को कलौंजी का सेवन करने से बचना चाहिए, हालांकि वैज्ञानिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

कलौंजी में थाइमोक्विनोन नामक तत्‍व पाया जाता है। यदि शरीर में इसकी मात्रा बढ़ती है तो रक्‍त के थक्‍के बनने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। 

अगर आपके शरीर में रक्‍त के थक्‍के बनने की प्रक्रिया धीमी होती है, तो छोटी सी चोट लगने पर भी रक्‍तस्‍त्राव को रोकना मुश्किल हो जाता है। 

अगर किसी को पित्‍त दोष की समस्‍या है तो उसे भी कलौंजी का सेवन करने से बचना चाहिए। यह समस्‍या को और बढ़ा सकती है। 

हाई ब्‍लडप्रेशर के मरीजों को भी कलौंजी का सेवन ध्‍यानपूर्वक करना चाहिए। दरअसल यह रक्‍तचाप के स्‍तर को कम कर सकती है। 

कलौंजी के फायदे और नुकसान से संबंधित विस्‍तार से जानकारी हासिल करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।