आशीष के बीज या कलौंजी का नाम आप सभी ने जरूर सुना होगा और इसे देखा भी होगा। दरअसल भारत में कलौंजी हर किसी व्‍यक्ति किचन में जरूर मिल जाएगी। 

क्‍या आप जानते हैं कि कलौंजी का इस्‍तेमाल सिर्फ मसाले के रूप में ही नहीं किया जाता, बल्कि यह एक प्रकार की औषधि का भी काम करती है। 

कलौंजी को ‘आशीष के बीज’ के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ ही इसे काला बीज या काला जीरा का नाम भी मिला हुआ है। 

कलौंजी को कलयुग की संजीवनी बूटी भी कहा जाता है। दरअसल कलौंजी या काले बीजों को सबसे महत्‍वपूर्ण चिकित्‍सकीय हर्ब माना जाता है। 

कलौंजी को पोषक तत्‍वों का भंडार माना जाता है। इसमें 35 फीसदी कार्बोहाइड्रेट, 21 फीसदी प्रोटीन और 35 से 38 फीसदी तक वसा होती है। 

कलौंजी के बीज में क्रूड फाइबर, अमीनो एसिड, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम और सोडियम पाया जाता है। इसके साथ ही कलौंजी में कई प्रकार के विटामिन जैसे विटामिन ए, बी, सी, बी12 और नियासिन भी पाए जाते हैं। 

कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या से राहत मिलती है। दरअसल यदि किसी को हाई कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या है तो उसे कलौंजी का सेवन जरूर करना चाहिए। 

अगर कोई व्‍‍यक्ति बढ़ते वजन की समस्‍या से परेशान है तो उसे कलौंजी का उपयोग शुरू कर देना चाहिए। दरअसल इसमें एंटी-ओबेसिटी का प्रभाव मिलता है, जो वजन कम करने में सहायक माना गया है। 

कलौंजी के सेवन से डायबिटीज के मरीजों को भी फायदा होता है। दरअसल रोजाना दो ग्राम कलौंजी के सेवन से तेज हो रहा ग्‍लूकोज कम होता है। 

कलौंजी के बीज कई अन्‍य बीमारियों में भी काफी फायदेमंद होते हैं, वहीं इसके प्रयोग के कई तरह के नुकसान भी हो सकते हैं। विस्‍तार से जानने के लिए नीचे लिंक पर जाएं।