गिलोय एक प्रकार की बेल है। गिलोय को अंग्रेजी में Giloy, Gilo या फिर The Root Of Immortality भी कहा जाता है।

गिलोय को कन्नड़ में अमरदवल्ली, गुजराती में गालो, मराठी में गुलबेल, तेलुगू में गोधुची, तिप्प्तिगा, फारसी में गिलाई और तमिल में शिन्दिल्कोदी कहा जाता है।

गिलोय का वैज्ञानिक नाम ‘टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया’ (Tinospora Cordifolia) है। इसके साथ ही गिलोय को गुडूची (Guduchi) और अमृता भी कहा जाता है। 

गिलोय अक्‍सर हमारे आस-पास ही उगती है, जैसे किसी खाली मैदान में, सड़क के किनारों पर, पार्कों में, यह किसी को भी आसानी से उपलब्‍ध हो सकती है।

आयुर्वेद में बताया गया है कि गिलोय की बेल अगर किसी पेड़ पर चढ़ती है, तो वह उसके गुणों को भी अपने अंदर समाहित कर लेती है।

नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल को सबसे सर्वोत्तम माना जाता है। इसे नीम गिलोय (Neem giloy) कहा जाता है।

गिलोय को अक्‍सर लोग इम्‍यूनिटी बूस्‍टर की तरह ही इस्‍तेमाल करते हैं, लेकिन गिलोय कई अन्‍य बिमारियों के इलाज में भी कारगर साबित हुई है।

गिलोय का ज्‍यादा सेवन आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। दरअसल गिलोय खून में मौजूद शुगर लेवल को कम करती है।

ऐसे में अगर किसी व्‍यक्ति को डायबि‍टीज की समस्या है, तो यह आपके खून में शुगर को बहुत ज्यादा नीचे ले जा सकती है।

गिलोय को पाचन शक्ति बढ़ाने में कारगर माना गया है लेकिन कई बार यह कब्‍ज की समस्‍या भी खड़ी कर देती है। इसका प्रयोग डॉक्‍टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।

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