महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं की जब भी बात की जाएगी, तो उसमें नारायण राणे का नाम जरूर शामिल होगा। बता दें कि नारायण राणे वर्तमान में भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं। इसके साथ ही वह महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। आइए आज जानते हैं नारायण राणे का जीवन परिचय (Narayan Rane Biography in Hindi)
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नारायण राणे का जीवन परिचय – (Narayan Rane Biography in Hindi)
जन्म | 10 अप्रैल 1952 |
पिता का नाम | श्री तातू सीताराम राणे |
माता का नाम | श्रीमती लक्ष्मीबाई तातू राणे |
पत्नी | श्रीमती नीलम राणे |
संतान | पुत्र- नीलेश राणे, नीतेश राणे |
धर्म | हिंदू |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
चुनाव क्षेत्र | महाराष्ट्र |
निवास स्थान | मालवां, महाराष्ट्र |
कौन हैं नारायण राणे – (Who is Narayan Rane)
नारायण राणे का पूरा नाम (Narayan Rane Full Name) नारायण तातू राणे हैं। वह मौजूदा समय में भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं। वह महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
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नारायण राणे का जन्म और माता-पिता – (Narayan Rane Birth date and Parents)
10 अप्रैल 1952 के दिन नारायण राणे का जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के एक सामान्य परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम (Narayan Rane Father Name) तातू सीताराम राणे (Tatu Sitaram Rane) और माता का नाम (Narayan Rane Mother Name) लक्ष्मीबाई तातू राणे (Laxmibai Tatu Rane) है।
नारायण राणे की शिक्षा – (Narayan Rane Education)
मुंबई के स्कूल से नारायण राणे की प्रारंभिक शिक्षा हुई। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने 11वीं तक की पढ़ाई की है।
नारायण राणे का वैवाहिक जीवन – (Narayan Rane Married Life)
(Narayan Rane Wife) नारायण राणे की पत्नी नीलम नारायण राणे (Neelam Narayan Rane) हैं। इनके दो पुत्र (Narayan Rane Son’s) नीलेश राणे (Nilesh Rane) और नितेश राणे (Nitesh Rane) हैं। नितेश राणे वर्तमान महाराष्ट्र विधानसभा में कंकावली सीट से बीजेपी के विधायक हैं।
नारायण राणे का राजनीतिक जीवन – (Narayan Rane Political Carrier)
महज 16 साल की उम्र में ही नारायण राणे ने राजनीति की दुनिया में अपना पहला कदम रख दिया था। साल 1968 में वह युवाओं को शिवसेना में जोड़ने के काम में लग गए थे। जानकारी के मुताबिक, राजनीति में कदम रखने से पहले नारायण राणे एक चिकन शॉप चलाते थे।
युवाओं में रहे लोकप्रिय
नारायण राणे युवाओं के बीच में काफी लोकप्रिय हो गए थे। उनकी यह प्रतिभा देख शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे भी उनसे प्रभावित थे। यही कारण था कि बाला साहब ठाकरे ने उन्हें जल्द ही चेंबूर में शिवसेना का शाखा प्रमुख नियुक्त कर दिया।
पहली बार पहुंचे विधानसभा
साल 1985 से लेकर साल 1990 तक नारायण राणे शिवसेना के कॉरपोरेटर भी रहे। साल 1990 में वह पहली बार विधानसभा के सदस्य बने। इसके साथ ही उन्हे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी चुना गया। जानकारी के मुताबिक, नारायण राणे के राजनीतिक सफर में रफ्तार तब आई, जब छगन भुजबल ने शिवसेना का साथ छोड़ दिया।
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नारायण राणे बने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री
साल 1996 में बीजेपी और शिवसेना की गठबंधन वाली सरकार में नारायण राणे को राजस्व मंत्री बनाया गया। वहीं इसके बाद मनोहर जोशी के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। 1 फरवरी 1999 के दिन बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन की सरकार में नारायण राणे को मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि मुख्यमंत्री पद उनके पास कुछ समय के लिए ही रहा।
शिवसेना ने पार्टी से निकाला
करीब 9 माह तक नारायण राणे महाराष्ट्र के सीएम रहे। वहीं इस दौरान ही नारायण राणे और बाला साहब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे के बीच खींचतान नजर आने लगी थी। अगली विधानसभा के चुनावों में बीजपी और शिवसेना के गठबंधन को हार का मुंह देखना पड़ा। उस समय नारायण राणे को नेता विपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। वहीं इसके बाद उद्धव ठाकरे और नारायण राणे के बीच खींचतान और भी ज्यादा तेज हो गई। इसी बीच उद्धव ठाकरे को शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई। इस बात से नारायण राणे नाराज हो गए और उद्धव की नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक योग्यता पर सवाल उठा दिए। जिसके बाद नारायण राणे को साल 2005 में शिवसेना से बाहर कर दिया गया।
कांग्रेस का थामा हाथ
शिवसेना से बाहर होने के बाद नारायण राणे ने 3 जुलाई 2005 के दिन कांग्रेस का हाथ थाम लिया। साल 2017 तक नारायण राणे कांग्रेस में रहे। इस दौरान उन्हें छह साल के लिए कांग्रेस से निलंबित भी कर दिया गया। हालांकि बाद में उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर माफी मांगी, जिसके बाद उनका निलंबन वापस ले लिया गया।
नारायण राणे का महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष
साल 2017 में नारायण राणे ने कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाई। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष रखा। वहीं साल 2018 में नारायण राणे की नजदीकियां बीजेपी के साथ बढ़ने लगीं। 2018 में उन्होंने अपनी पार्टी का समर्थन बीजेपी को देने का ऐलान किया।
नारायण राणे बीजेपी में कब शामिल हुए
इसके बाद नारायण राणे ने 15 अक्टूबर 2019 को अपनी पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष का भारतीय जनता पार्टी में विलय कर दिया और भाजपा का दामन थाम लिया था। (Narayan Rane Ka Jeevan Parichay)
नारायण राणे ताजा समाचार – (Narayan Rane Latest News)
भारतीय जनता पार्टी की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान रायगढ़ में नारायण राणे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर एक विवादित बयान दिया। इस बयान के बाद उन पर अलग-अलग क्षेत्रों के थानों में चार एफआईआर दर्ज हुईं। जिसके बाद मंगलवार को भारी हंगामें के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि कुछ घंटों के बाद उन्हें जमानत भी मिल गई।
FAQ’s
Q : भारत सरकार में नारायण राणे के पास कौन सा मंत्रालय है?
Ans : सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय
Q : नारायण राणे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कब बने थे?
Ans : 1 फरवरी 1999
Q : नारायण राणे की पत्नी का नाम क्या है?
Ans : नीलम नारायण राणे
Q : नारायण राणे के कितने बेटे और बेटियां हैं?
Ans : नारायण राणे के दो बेटे हैं, जिनके नाम नीतेश और निलेश राणे हैं।
Q : नारायण राणे के माता पिता का नाम क्या है?
Ans : नारायण राणे के पिता का नाम तातू सीताराम राणे और माता का नाम लक्ष्मीबाई तातू राणे है।