साल 2021 का पहला चंद्रगहण आज बैसाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिया तिथि यानी 26 मई 2021 के दिन पड़ने वाला है। वैसे तो यह चंद्रग्रहण दिन के समय में पड़ने वाला है जिस कारण यह पूरे भारत में तो नजर नहीं आएगा, लेकिन भारत के पूर्वी राज्यों में यह ग्रस्तोदय खण्डग्रास चंद्रगहण के रूप में दिखाई देगा।

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चंद्रगहण की भारत में स्थिति
भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरूणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह सहित पश्चिम बंगाल के अधिकांश भाग और पूर्वी उड़ीसा में यह चंद्रग्रहण कुछ समय के लिए नजर आएगा। वहीं इसके साथ ही यह चंद्रग्रहण पूर्वी दक्षिणी श्रीलंका, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिणी अमेरिका व उत्तरी अमेरिका के अधिकाशं भाग व मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस आदि देशों में दिखाई देगा।
यह ग्रहण भारत में दृश्य है। पूर्वोत्तर भारत के असम आदि राज्यों में जहाँ चन्द्रोदय सायं 6 बजकर 23 मिनट से पहले होगा, वहाँ ही ग्रहण दिखाई देगा। चन्द्रोदय होने के बाद यह ग्रहण गुवाहाटी में 13 मिनट, सिबसागर व डिब्रूगढ़ में 24 मिनट, दिसपुर में 14 मिनट, ईटानगर में 19 मिनट, अगरतला में 17 मिनट, कोलकाता में 7 मिनट तक दिखाई देगा।
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चंद्रगहण का सूतक काल
सुबह 6 बजकर 15 मिनट (सूर्योदय के साथ ही) से जिन भी स्थानों पर यह ग्रहण दिखाई देगा, केवल उन्हीं स्थानों पर इसका सूतक आदि मान्य होगा।
भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण का समय
उपच्छाया प्रवेश :- दोपहर 2 बजकर 16 मिनट
ग्रहण प्रारंभ :- दोपहर 3 बजकर 15 मिनट
ग्रहण मध्य :- दोपहर 4 बजकर 49 मिनट
ग्रहण समाप्त :- सायं 6 बजकर 23 मिनट
खग्रास प्रारंभ :- सायं 4 बजकर 39 मिनट
खग्रास समाप्त :- सायं 4 बजकर 58 मिनट
उपच्छाया अन्त :- सायं 7 बजकर 21 मिनट
ग्रहण कुल अवधि :- 3 घण्टा 8 मिनट
पूर्णता अवधि :- 19 मिनट
ग्रासमान :- 1.016
सूतक का समय
सूर्यग्रहे तु नाश्रीयात् पूर्वं यामचतुष्ट्यम्।
चन्द्रग्रहे तु यामांस्त्रीन् बालवृद्धातुरैर्विना।।
धर्मशास्त्र के अनुसार, चन्द्रग्रहण में स्पर्शकाल से 9 घण्टा पहले और सूर्यग्रहण में 12 घण्टे पहले ग्रहण का सूतक होता है। यह सूतक बालक, वृद्ध और रोगियों के लिए नहीं होता है।
राशिफल
यह ग्रहण अनुराधा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में हो रहा है, अतः वृश्चिक राशि एवं अनुराधा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के लिए यह विशेष कष्टप्रद है। आइए जानते हैं सभी 12 राशियों पर इस ग्रहण का फल क्या होगा…
मेष राशि :- दुर्घटना भय
वृष राशि :- स्त्री/पति कष्ट
मिथुन राशि :- कार्य सिद्धि
कर्क राशि :- चिंता पीड़ा
सिंह राशि :- रोग भय
कन्या राशि :- आर्थिक लाभ
तुला राशि :- व्यय वृद्धि
वृश्चिक राशि :- शरीर कष्ट
धनु राशि :- धन हानि
मकर राशि :- उन्नति व लाभ
कुंभ राशि :- सुख समृद्धि
मीन राशि :- गुप्त चिंता
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