Grahan in 2022 in Hindi : साल 2022 की शुरूआत हो चुकी है। देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंचने को है। ऐसे में आज बात करते हैं साल 2022 में घटने वाली कुछ खगोलीय घटनाओं के बारे में। दरअसल साल 2022 में कुल चार ग्रहण (Grahan in 2022) पड़ने वाले हैं। इनमें दो सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण होंगे। साल 2022 का सबसे पहला ग्रहण, सूर्यग्रहण होगा।

Table of Contents
Grahan in 2022 – साल 2022 में पड़ने वाले ग्रहण
ग्रहण | तारीख |
पहला सूर्यग्रहण | 30 अप्रैल 2022 |
दूसरा सूर्य ग्रहण | 25 अक्टूबर 2022 |
पहला चंद्र ग्रहण | 16 मई 2022 |
दूसरा चंद्रग्रहण | 8 नवंबर 2022 |
First Surya Grahan in 2022 – साल 2022 में पहला सूर्यग्रहण कब
साल 2022 का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल 2022 को (First Surya Grahan in 2022) पड़ेगा। यह सूर्यग्रहण आंशिक होगा और वृषभ राशि में लगेगा। 2022 का यह पहला सूर्यग्रहण प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी-पश्चिमी भाग, अटलांटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा। यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस कारण भारत में इस ग्रहण का कोई धार्मिक प्रभाव व सूतक काल मान्य नहीं होगा। भारतीय समयानुसार साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण रात 12 बजकर 15 मिनट पर लगेगा, जो सुबह चार बजकर छह मिनट पर खत्म होगा।
सूर्यग्रहण क्यों होगा खास
30 अप्रेल 2022 को पड़ने वाला सूर्यग्रहण (First Surya Grahan in 2022) बेहद खास माना जा रहा है। दरअसल इस बार सूर्यग्रहण शनैश्चरी अमावस्या के दिन लगने वाला है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, 30 अप्रैल 2022 को शनैश्चरी अमावस्या के दिन आंशिक सूर्यग्रहण होगा। इससे ठीक एक दिन पहले 29 अप्रैल को शनि का राशि परिवर्तन होगा। वहीं सूर्यग्रहण वाले दिन ही चैत्र माह का समापन होगा। ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक, ऐसा दुर्लभ संयोग बीते 100 सालों में नहीं बना है।
Second Surya Grahan in 2022 – साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण
वहीं साल 2022 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 के दिन (Second Surya Grahan in 2022) पड़ेगा। यह सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 4 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगा और रात 7 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा। साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण यूरोप, अफ्रीकी महाद्वीप के उत्तर पूर्वी भाग, अटलांटिक और एशिया के दक्षिण पश्चिमी भागों में दिखाई देगा। भारत के कुछ हिस्सों में भी यह सूर्यग्रहण नजर आएगा, इस कारण भारत में भी इसका धार्मिक प्रभाव व सूतक काल मान्य होगा।
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First Chandra Grahan in 2022 – साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण
साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 के दिन (First Chandra Grahan in 2022) पड़ेगा। भारतीय समयानुसार यह चंद्रग्रहण सुबह 8 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और 10 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। साल 2022 का पहला चंद्रग्रहण दक्षिणी-पश्चिम एशिया, दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और अटलांटिक में नजर आएगा। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, जिस कारण भारत में इसका धार्मिक प्रभाव व सूतक काल मान्य नहीं होगा।
Second Chandra Grahan in 2022 – साल 2022 का दूसरा चंद्र ग्रहण
साल 2022 का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण 8 नवंबर 2022 के दिन (Second Chandra Grahan in 2022) पड़ेगा। यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका, उत्तर अमेरिका, यूरोप और एशिया के ज्यादातर हिस्सों के साथ, अटलांटिक, अंटार्कटिका, आर्कटिक, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर में दिखेगा। भारत में भी यह चंद्रग्रहण दिखाई देगा, इस कारण इस ग्रहण का धार्मिक प्रभाव व सूतक काल मान्य होगा।
क्या होता है सूर्य ग्रहण – What is Surya Grahan in Hindi
ग्रहण एक प्रकार की खगोलीय घटना है। सूर्य ग्रहण की घटना अमावस्या के दिन होती है। चंद्रमा जब पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है और इस घटना को पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूरी तरह से या फिर आंशिक रूप में चंद्रमा के द्वारा आच्छादित हो जाता है, अर्थात जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है, तब पृथ्वी से देखने पर सूर्य या तो पूर्ण रूप से या फिर आंशिक रूप से दिखाई नहीं पड़ता है। इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। पूर्ण रूप से न दिखने पर पूर्ण सूर्य ग्रहण और आंशिक रूप से न दिखने पर आंशिक सूर्य ग्रहण होता है। एक साल में अधिकतम दो सूर्यग्रहण पड़ते हैं।
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क्या होता है चंद्र ग्रहण – What is Chandra Grahan in Hindi
चंद्र ग्रहण की घटना पूर्णिमा के दिन होती है। इस खगोलीय घटना में चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। इस घटना के दौरान कुछ घंटों के लिए चंद्रमा, पृथ्वी की छाया में ढक जाता है। सूर्य की रोशनी के कारण चंद्रमा की सफेद व भूरे रंग की सतह से इसका रंग लाल हो जाता है। ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक, एक साल में अधिकतम तीन चंद्र ग्रहण पड़ सकते हैं।
क्या होता है सूतक काल – What is Sutak Kaal in Hindi
सूर्य ग्रहण हो या फिर चंद्र ग्रहण, दोनों ही खगोलीय घटनाओं में सूतक काल मान्य होता है। दरअसल ग्रहण से पहले के कुछ समय को अशुभ माना जाता है, इसी समय को सूतक काल कहा जाता है। सूर्य ग्रहण में यह सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले लगता है और चंद्र ग्रहण में सूतक काल 9 घंटे पहले लगता है। सूतक काल के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करना वर्जित होता है। इस दौरान विशेष सावधानियां बरती जाती हैं।